Maa Gomti Udgam Sthal Fulhar | माँ गोमती उद्गम स्थल फुलहर
पीलीभीत के घने जंगलों के बीच पूरनपुर के माधोटांडा से गोमती नदी निकली है। यह गोमती उद्गम स्थल तराई के रमणीय पीलीभीत टाइगर रिजर्व में स्थित है। यह स्थान पुराणों के साथ साथ ऐतिहासिक रूप से भी बेहद महत्व रखता है। आस्था में विश्वास रखने वालों के लिए यह बहुत ही अच्छी है यहाँ देवी देवता के कई सारे मंदिर हैं। यहाँ माता गोमती की एक काल्पनिक प्रतिमा भी स्थापित की गयी है। यहीं से निकली गोमती आगे जाकर विशाल धारा में परिवर्तित होकर राजधानी लखनऊ की शान बनती है। आगे जाकर यह घाघरा गंडक और सरयू के रास्ते गंगा नदी में मिल जाती है।
लखनऊ की शान कहीं जाने वाली गोमती नदी के उद्गम स्थल को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं। डीएम पुलकित खरे के निर्देश पर गोमती उद्गम स्थल पर सौन्द्रीयकरण के कई काम किये गए हैं जैसे की कैंटीन, पाथवे, फाउंटेन, लाइटिंग और हट भी बनाये गए हैं। लाइटिंग के बाद दिन से अधिक रात में गोमती उद्गम स्थल चमकता है। लैंप बॉक्स के अलावा रंग बिरंगी फोकस लाइटें लगाई गई है। इससे रात में उद्गम स्थल का नजारा अद्भुत नजर आता है। आप यहाँ नौकायान का भी आनंद ले सकते हैं।
गोमती नदी का उद्गम स्थल माधोटांडा गांव से दो किलोमीटर दूरी पर है। यहां मुख्य फुलहर झील के अलावा दो अन्य झीलें है। प्रसिद्ध दुर्गा नाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं की आस्था है। एक रिसॉर्ट की तरफ से मुख्य झील के सामने कैंटीन का निर्माण कराया गया है जो अभी कोरोना की वजह से बंद कर दिया गया है । श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बैठने के लिए चार हट बनाई गयी हैं। झील के एक हिस्से में गौशाला का निर्माण होने के साथ दूसरे हिस्से में पाथवे भी बनाया गया है। एक ट्री हट के अलावा दो सामान्य हट हैं। गोमती मैया के मंदिर के सामने झील के क्षेत्र में चार खूबसूरत फव्वारे भी लगाए गए हैं। यहाँ की खूबसूरती को बढ़ने के लिए फूलों की कई प्रजातियों को भी लगाया गया है।यहाँ बनारस की तर्ज पर संध्या आरती भी की जाती है।
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