गोमती उद्गम स्थल
गोमती नदी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में बहने वाली एक पवित्र नदी है, जो गंगा नदी की एक प्रमुख उपनदी है। गोमती को हिन्दू एक पवित्र नदी मानते हैं और भागवत पुराण के अनुसार यह पाँच दिव्य नदियों में से एक है।
गोमती उत्तर प्रदेश राज्य के पीलीभीत ज़िले के माधोटांडा ग्राम के समीप स्थित गोमत ताल में आरम्भ होती है। एक लम्बी दुरी तय करने के बाद यह उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर ज़िला में सैदपुर के समीप गंगा जी में विलय हो जाती है।
पुराणों के अनुसार गोमती ब्रह्मर्षि वशिष्ठ की पुत्री हैं तथा एकादशी को इस नदी में स्नान करने से संपूर्ण पाप धुल जाते हैं। हिन्दू ग्रन्थ श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार गोमती भारत की उन पवित्र नदियों में से है जो मोक्ष प्राप्ति का मार्ग हैं। लोगों का मानना है कि जो भी व्यक्ति गंगा दशहरा के अवसर पर यहाँ स्नान करता है, उसके सभी पाप आदिगंगा गोमती नदी में धुल जाते हैं।
गोमती नदी का उद्गम उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कस्बे में होता है। माधोटान्डा पीलीभीत नगर से लगभग 30 कि.मी. पूर्व में स्थित है। कस्बे के मध्य से करीब 1 कि.मी. दक्षिण-पश्चिम में फुलहर झील है जिसे "पन्गैली फुल्हर ताल" या "गोमत ताल" कहते हैं, वहीं इस नदी का स्रोत्र है। इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है। इसके उपरान्त लगभग 20 कि.मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी "गैहाई" में मिलती है। लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहाँ इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा,कठिना तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है।
गोमती उद्गम स्थल तराई के रमणीय पीलीभीत टाइगर रिजर्व में स्थित है। यह स्थान पुराणों के साथ साथ ऐतिहासिक रूप से भी बेहद महत्व रखता है। आस्था में विश्वास रखने वालों के लिए यह बहुत ही अच्छी है यहाँ देवी देवता के कई सारे मंदिर हैं। यहाँ माता गोमती की एक काल्पनिक प्रतिमा भी स्थापित की गयी है। यहीं से निकली गोमती आगे जाकर विशाल धारा में परिवर्तित होकर राजधानी लखनऊ की शान बनती है।
लखनऊ की शान कहीं जाने वाली गोमती नदी के उद्गम स्थल को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं। गोमती उद्गम स्थल पर सुन्दर बनाने के लिए कई काम किये गए हैं जैसे की कैंटीन, पाथवे, फाउंटेन, लाइटिंग और हट भी बनाये गए हैं। लाइटिंग के बाद दिन से अधिक रात में गोमती उद्गम स्थल चमकता है। लैंप बॉक्स के अलावा रंग बिरंगी फोकस लाइटें लगाई गई है। इससे रात में उद्गम स्थल का नजारा अद्भुत नजर आता है। आप यहाँ नौकायान का भी आनंद ले सकते हैं।
यहाँ की खूबसूरती
को बढ़ने के
लिए फूलों की
कई प्रजातियों को
भी लगाया गया
है। यहाँ बनारस
की तर्ज पर
संध्या आरती भी
की जाती है।
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